Haldwani violence -हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है, जिसे उत्तराखंड पुलिस ने हिंसा, धोखाधड़ी, और अन्य अपराधों के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसकी पत्नी साफिया और अन्य छह लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप के तहत, इस गुंडागर्दी और अवैध प्रॉपर्टी डीलिंग के मामले में उनका शामिल होना बताया जा रहा है।
हिंसा की घटना 8 फरवरी को हुई थी, जब हल्द्वानी के बनभूलपुरा में प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान एक मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त किया गया था। इस पर भड़ककर, लोगों ने कारों में आग लगा दी और पुलिस स्टेशन को भी तोड़ फोड़ दी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोली मारने के आदेश दिए थे।
आरोपी अब्दुल मलिक के वकील ने कहा कि उनका मामला गलतफहमी पर आधारित है, और उन्होंने जमानत के लिए आवेदन किया है। वकील ने यह भी कहा कि मलिक गुंडागर्दी में शामिल नहीं था और उसकी गिरफ्तारी गलतफहमी पर आधारित है।
इस मामले में तीन एफआईआरें दर्ज की गईं हैं – पहली एक पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए, दूसरी अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान हिंसा के लिए, और तीसरी पार्क किए गए वाहनों में तोड़फोड़ के लिए। उन पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना के पीछे के कारणों को समझने के लिए जांच की जा रही है और विवादास्पद मामलों की स्थिति में स्थानीय प्रशासन ने मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आदान-प्रदान किया है।
इस घटना के परिप्रेक्ष्य में अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के बाद, यहां कुछ आवश्यक बिंदुओं की चर्चा हो रही है:
1.Haldwani violence – आरोपी का पक्ष:-
अब्दुल मलिक के वकीलों का दावा है कि उनका मामला गलतफहमी पर आधारित है और उन्हें निर्दोष साबित करने के लिए याचिका दायर की जा रही है।
– मलिक के वकील ने बताया कि वह घटना के समय हल्द्वानी में नहीं थे और इसलिए उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराना अनुचित है।
2. Haldwani violence -जमानत याचिका:-
अब्दुल मलिक के वकीलों ने जमानत याचिका दाखिल की है और इस पर निर्णय अदालत की होने वाली है।
– वकीलों का कहना है कि मलिक को साजिश रचने का आरोप गलतफहमी पर आधारित है और वह निर्दोष हैं।
3.Haldwani violence – हिंसा और संपत्ति के मामले:-
घटना के दिन हलद्वानी में हिंसा भड़की थी, जिसके परिणामस्वरूप एक मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया।
– अब्दुल मलिक की पत्नी भी उच्च न्यायालय में संपत्ति के मामले में एक रिट याचिका दाखिल कर चुकी है।
4.Haldwani violence -धोखाधड़ी और आईपीसी धाराएँ:-
Haldwani violence -पुलिस ने अब्दुल मलिक, उनकी पत्नी साफिया मलिक सहित छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आईपीसी 417 और 120 बी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
– इसका मतलब है कि उन्हें विभिन्न आरोपों में शामिल किया गया है, जिनमें धोखाधड़ी और आईपीसी की धाराएँ शामिल हैं।
इस संदर्भ में, घटना के सभी पहलुओं की निष्कर्ष और सटीक जानकारी के लिए स्थानीय प्राधिकृत्यों, न्यायिक प्रक्रिया, और आरोपियों के पक्ष का संबोधन जरूरी है।
कुछ ओर जानकारी –
Haldwani violence -नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने पहले कहा था कि “अवैध निर्माण” मलिक द्वारा किया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मलिक ने विध्वंस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
मलिक की पत्नी साफिया ने हाल ही में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका में संपत्ति का इतिहास प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, इसे मूल रूप से 1937 में ब्रिटिश सरकार द्वारा पट्टे पर दिया गया था, और वर्षों से विभिन्न लेनदेन के बाद, 2013 में उनके पिता की मृत्यु के बाद यह उनकी विरासत बन गई।
उन्होंने कहा कि 2007 के अदालती आदेश के बावजूद संपत्ति के फ्रीहोल्ड अधिकारों पर विचार करने का निर्देश दिया गया था, नाज़ूल विभाग के साथ उत्पन्न जटिलताओं के कारण प्रक्रिया रुकी हुई थी।
इस बीच, जिला प्रशासन ने संपत्ति कुर्क कर ली है और हल्द्वानी नगर निगम ने मलिक को एक नोटिस दिया है, जिसमें उन्हें 8 फरवरी की हिंसा के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 2.44 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया है।