Ayodhya Ram mandir –
यह मंदिर एक अद्वितीय स्थल है जिसे 2.7 एकड़ के क्षेत्र में स्थित किया गया है। इसका कुल निर्मित क्षेत्र 57,400 वर्ग फीट है, जिसमें इस श्रृंगार मंदिर की शानदार शैली और ऊँचाई का सजीव वर्णन होता है।
मंदिर की कुल लंबाई 360 फीट है, जबकि चौड़ाई 235 फीट है। इसका शिखर सहित कुल ऊँचाई 161 फीट है, जो इसे दूसरे स्तम्भों से अलग बनाता है। मंदिर में कुल 3 मंजिलें हैं, और प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट है, जिससे यह एक इम्पॉजिंग स्वरूप में प्रतिष्ठित है।
के भूतल पर 160 स्तंभों की संख्या, पहले तल में 132 स्तंभों की संख्या, और दूसरी मंजिल में 74 स्तंभों की संख्या है। यह संरचना सजीव और आकर्षक बनाती है, स्तम्भों की सुजीव शृंगार से भरी हुई है।
मंदिर में 5 चबूतरे और मंडपों की संख्या है, जो आरामदायक और सुंदर स्थलों को दर्शाते हैं। 12 द्वारें मंदिर को प्रवेश के लिए सुरक्षित रूप से समर्पित करती हैं, जो आदर्श स्वरूप से समाप्त होती हैं।
इस आध्यात्मिक स्थल का दौरा करते समय, व्यक्ति महसूस करता है कि यह एक सांस्कृतिक समृद्धि और धार्मिकता का साकार दृश्य है। मंदिर का यह श्रृंगार स्वरूप और समृद्धि भरा वातावरण यहाँ के श्रद्धाभक्तों को आकर्षित करता है और इसे एक आध्यात्मिक और सौंदर्यपूर्ण स्थल बनाता है।
थलाइवा और उनके परिवार को मिला निमंत्रण-
रजनीकांत को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित करना एक महत्वपूर्ण और सांस्कृतिक समारोह है। इस समारोह में भाग लेने से वह अपने आदर्श और अनुयायी भक्तों के बीच एक सांस्कृतिक जड़न बना सकते हैं। बीजेपी नेता रा अर्जुनमूर्ति के द्वारा रजनीकांत को इस श्रृंगार घड़ी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाना, राजनीतिक और सामाजिक प्लेटफ़ॉर्मों के माध्यम से समर्थन को दिखा सकता है।
Ayodhya,राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 22 जनवरी को होने जा रहा है, और इसमें विशेष अहमियत है जिसमें कई मशहूर व्यक्तियों को शामिल किया गया है। रजनीकांत का योगदान इस समारोह को और भी विशेष बना सकता है, क्योंकि उन्हें ‘थलाइवा’ कहा जाता है और उनका साहित्य, कला, और राजनीतिक क्षेत्र में उदार दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
Ayodhya,
यह समारोह एक सांस्कृतिक संरक्षण का हिस्सा है और इसे राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है, जिससे राजनीकांत का समर्थन भी मजबूत हो सकता है। राम मंदिर के अभिषेक में रजनीकांत का समर्थन उसके प्रशंसकों के बीच एक और स्थायी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़न का कारण बना सकता है।
अयोध्या में खुशी की लहर-
Ayodhya-राम जन्म भूमि अयोध्या इस साल खुशियों की रोशनी से जगमगाने वाली है क्योंकि बहुप्रतीक्षित राम मंदिर अयोध्या जल्द ही पूरा होने जा रहा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है और वह हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। आपको पता होना चाहिए कि राम मंदिर का इंतजार सैकड़ों सालों से किया जा रहा था लेकिन बाबरी मस्जिद से टकराव के कारण यह संभव नहीं हो सका। हालाँकि, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में निर्णय पारित किया जिसमें राम मंदिर ट्रस्ट को भूमि आवंटित की गई और ट्रस्ट बनाने का अधिकार भारत सरकार को दिया गया। उसके बाद, भारत सरकार ने राम मंदिर के लिए बजट आवंटित किया और स्थल पर निर्माण शुरू किया गया। हमारे पास आ रही जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और इसे पूरा होने में 2-4 महीने और लग सकते हैं। इसके अलावा, आपको पता होना चाहिए कि अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन तिथि 2024 की घोषणा की गई है, जिसके अनुसार उद्घाटन भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी अन्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति में करेंगे।
टूरिजम के लिए –
Ayodhya,राम मंदिर, अयोध्या टूरिज़म के लिए एक महत्वपूर्ण और आकर्षक स्थल होगा। यह नया मंदिर भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक ऐतिहासिकता का एक प्रमुख प्रतीक बनेगा, जो यात्री और पर्यटकों को अपनी सुंदरता और धार्मिक महत्वपूर्णता के लिए प्रभावित करेगा।
साथ ही, आयोध्या में टूरिज़म को बढ़ावा मिलने से यहाँ की स्थानीय विविधता, बाजार, और स्थानीय वस्तुओं की पहचान भी बढ़ सकती है। राम मंदिर के साथ साथ अयोध्या के अन्य पर्यटन स्थलों को भी प्रमोट किया जा सकता है, जो सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से समृद्धि भरा हैं।
अधिक जानकारी के लिए -https://srjbtkshetra.org/